रानी पद्मावती का इतिहास

 रानी पद्मावती




रानी पद्मावती का जन्म निश्चित रूप से नहीं पता है, क्योंकि इसकी ऐतिहासिक जानकारी में कई विवाद हैं। इसके बावजूद, रानी पद्मावती का जन्म काल लगभग 13वीं शताब्दी में माना जाता है।


रानी पद्मावती, जिनका वास्तविक इतिहासिक होना संदिग्ध है, राजपूत राजा रतन सिंह की पत्नी थीं। इतिहास में रानी पद्मावती को चित्रित करने वाली कविताएँ और किस्से हैं, जो उन्हें रानी पद्मावती के रूप में प्रस्तुत करती हैं। उनके परिवार के बारे में विवरण स्पष्ट नहीं हैं। 


रानी पद्मावती राजपूताना की रानी थीं, जिनका किला चित्तौड़गढ़ में था। उनकी कहानी पद्मावती कविता और फिल्मों में प्रस्तुत हुई है, जो उनकी सौंदर्य और साहस की कहानी को दर्शाती हैं। 


रानी पद्मावती की कहानी ऐतिहासिक रूप से अलाउद्दीन ख़िलजी के समय से जुड़ी हुई है, लेकिन इसमें कई कल्पनाएं भी हैं। पद्मावती,  रतन सिंह की पत्नी थी और चितौड़ राजवंश की रानी बनी थी। ख़िलजी के सुलतान अलाउद्दीन ने उसकी सुंदरता की चर्चा सुनकर उसे प्राप्त करने का इरादा किया था। इस प्रकरण की कहानी स्त्रीवाद और राजपूताना के इतिहास में महत्वपूर्ण घटना के रूप में जानी जाती है, 


रानी पद्मावती और अलाउद्दीन ख़िलजी की कहानी ऐतिहासिक और कविता के क्षेत्र में प्रसिद्ध है, लेकिन इसमें कई कथा-कल्पनाएँ भी हैं। पद्मावती, मेवाड़ की रानी थी, और ख़िलजी साम्राज्य के सुलतान अलाउद्दीन ख़िलजी थे।


सबसे प्रसिद्ध कहानी में, रतन सिंह नामक मेवाड़ के राजा की पद्मावती से विवाह होता है, लेकिन उसके बारे में सुनकर अलाउद्दीन ख़िलजी उसे पाने का दृढ इच्छा करते हैं। वे चित्तौड़ आते हैं और पद्मावती को पाने के लिए एक युद्ध शुरू होता है।


इस कहानी में, रानी पद्मावती ने अपनी सौंदर्य और वीरता के साथ अपने पति और मेवाड़ की रक्षा के लिए अपने जीवन की कड़ी इम्तिहानें दीं। इसके परिणामस्वरूप, रतन सिंह की मृत्यु के बाद, पद्मावती ने जौहर किया, जो एक प्राचीन हिन्दू राजपुत रिवाज है जिसमें रानी अपने पति की उपास्यता के लिए अग्निकुंड में आत्मा को अर्पित करती है।


कहानी में इसे बहुत अलग-अलग रूपों में प्रस्तुत किया गया है, और इसका इतिहासिक सत्यता 



1 Comments

Post a Comment

Previous Post Next Post