कृष्ण जन्माष्टमी की कहानी
कंस, मथुरा का क्रूर राजा, ने एक दिन आकाशवाणी सुनी कि उसकी बहन देवकी का आठवां पुत्र ही उसका अंत करेगा। डर के कारण कंस ने देवकी और वासुदेव को कैद कर लिया और उनके हर बच्चे को जन्म के बाद मार डाला। जब देवकी का आठवां पुत्र पैदा हुआ, तो वह श्री कृष्ण थे। भगवान विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया कि वे नवजात कृष्ण को गोकुल में यशोदा और नंद बाबा के पास छोड़ आएं।
वासुदेव ने कृष्ण को गोकुल पहुंचाया, जहां यशोदा ने उन्हें अपने पुत्र की तरह पाला। कृष्ण बचपन से ही अपनी लीलाओं से सबका मन मोहते थे। उनकी बाल लीलाएं, जैसे माखन चुराना और गोपियों के साथ रास रचाना, बहुत प्रसिद्ध हैं।
बड़े होकर, कृष्ण ने कंस का वध किया और मथुरा को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया। कृष्ण ने अपने जीवन में धर्म और सत्य का संदेश दिया, जो आज भी जनमानस को प्रेरित करता है।
बड़े होकर, कृष्ण ने कंस का वध किया और मथुरा को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया। कृष्ण ने अपने जीवन में धर्म और सत्य का संदेश दिया, जो आज भी जनमानस को प्रेरित करता है।
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